tag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post3328919302927085678..comments2024-01-27T07:53:56.761-08:00Comments on चाँद की सहेली****: सिंपल फ़िज़िक्स !VenuS "ज़ोया"http://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-54517931882937740962020-06-28T21:53:16.156-07:002020-06-28T21:53:16.156-07:00बहुत ख़ूब ...
इतना ज्ञानी हो के संवेदनाएँ ख़त्म हो...बहुत ख़ूब ...<br />इतना ज्ञानी हो के संवेदनाएँ ख़त्म हो जाती हैं ... प्रेक्टिकल होना भावनाओं को दबाने से कम कहाँ ... <br />अपना मन हल्का करना ... दूसरों की सुन लेना अपनी कह देना हवाओं और अंधेरों के बीच उतरना होता है ...<br />बहुत ही लाजवाब रचना ... विज्ञान और साहित्य का अधबुध संयोजन ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-65539393978664603512020-06-28T05:37:16.844-07:002020-06-28T05:37:16.844-07:00सिंपल फिजिक्स के साथ अनुभूतियाँ खो जाती हैं कहीं.....सिंपल फिजिक्स के साथ अनुभूतियाँ खो जाती हैं कहीं..भावुकता पर व्यवहारिकता हावी हो जाती है लेकिन दोनों का संगम इतने हृदयस्पर्शी सृजन को जन्म भी दे जाता है । अत्यन्त सुन्दर रचना जोया जी ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-13784171340505867832020-06-27T10:47:14.154-07:002020-06-27T10:47:14.154-07:00रेणू जी
स्नेहिल टिप्पणी देने के लिए आभार , आप ब्ल...रेणू जी <br />स्नेहिल टिप्पणी देने के लिए आभार , आप ब्लॉग तक आयी और रचना को अपना स्नेह दिया। .आपका आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-1619095217664626162020-06-27T10:45:32.245-07:002020-06-27T10:45:32.245-07:00डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी
आपसे सरा...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी <br />आपसे सराहना पाना प्र्स्सन्न्ता का विषय है <br /><br />रचना को आशीष देने के लिए आभार <br /><br />सादर नमन VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-49382339284482328272020-06-27T10:44:23.236-07:002020-06-27T10:44:23.236-07:00दिव्या जी
आपने मेरी रचना को अपनी चयन सूचि में स्थ...दिव्या जी <br />आपने मेरी रचना को अपनी चयन सूचि में स्थान दिया इसके लिए बहुत बहुत आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-2478895295832322092020-06-27T10:43:21.735-07:002020-06-27T10:43:21.735-07:00विश्वमोहन जी
आपकी गहन समीक्षा और स्नेहिल टिप्पणी ...विश्वमोहन जी <br />आपकी गहन समीक्षा और स्नेहिल टिप्पणी के लिए आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-46270943851415854402020-06-27T03:22:39.824-07:002020-06-27T03:22:39.824-07:00सुन्दर और सारगर्भितसुन्दर और सारगर्भितडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-73635372977144860062020-06-26T22:32:57.127-07:002020-06-26T22:32:57.127-07:00फिजिक्स का ज्ञान तो नहीं पर अच्छी लग रही है आपक...फिजिक्स का ज्ञान तो नहीं पर अच्छी लग रही है आपकी रचना। सादर शुभकामनायें🙏🌷🌷रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-37620226113270205262020-06-26T21:15:41.841-07:002020-06-26T21:15:41.841-07:00बहुत सुन्दर रचना।बहुत सुन्दर रचना।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-49241984406567967742020-06-26T21:01:53.577-07:002020-06-26T21:01:53.577-07:00आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 27 जून 2020 को साझा की गई है....<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>दिव्या अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/17744482806190795071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-37969547127963581942020-06-26T18:09:02.047-07:002020-06-26T18:09:02.047-07:00वाह! बहुत सुंदर प्रयोग। मनोविज्ञान और विज्ञान की न...वाह! बहुत सुंदर प्रयोग। मनोविज्ञान और विज्ञान की नोक-झोंक। अब शीघ्र ही मन में भावनाओं का 'ग्रेडीएंट' बनेगा, 'इनरसिया औफ रेस्ट' से 'इनरसिया औफ मोशन' की अवस्था आएगी। मनोविज्ञान को अध्यात्म का आश्रय मिलेगा और तब हवाओं में शोर होगा, " इट्स थ्योरी औफ अनसरटेंटी प्रिंसिपल यार!" विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com