tag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post3737586452517158760..comments2024-01-27T07:53:56.761-08:00Comments on चाँद की सहेली****: किसी सुबह अंकुरित हो ही जाएगाVenuS "ज़ोया"http://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-21644997822169839652020-03-25T08:24:37.412-07:002020-03-25T08:24:37.412-07:00..dr.sunil k. "Zafar "https://www.blogger.com/profile/13096911048421117572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-79588601405279121752020-03-25T08:24:13.749-07:002020-03-25T08:24:13.749-07:00जब भी भूखो मरने लगेगी
उम्मीद कोई फिर आदतन,
तोड़ क...जब भी भूखो मरने लगेगी <br />उम्मीद कोई फिर आदतन, <br />तोड़ के इक टुकड़ा उस चाँद का <br />निवाला बना निगल जाऊँगी <br /><br />वाह।<br />बहुत मासूम और cute सी लगी ये poem।<br />अच्छा लगा पढ़कर।dr.sunil k. "Zafar "https://www.blogger.com/profile/13096911048421117572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-34426876746478200912020-03-24T11:52:14.955-07:002020-03-24T11:52:14.955-07:00वाह ... बहुत ही लाजवाब ...
कवि की कल्पना की कोई सी...वाह ... बहुत ही लाजवाब ...<br />कवि की कल्पना की कोई सीमा नहीं और चाँद पे तो असंख्य कल्पनाएँ हैं ... जिसमें ये भी एक नयी कल्पना है ... लाजवाब कल्पना है ...<br />बहुत ही गहरी सोच ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-30795043736615490622020-03-20T11:01:32.727-07:002020-03-20T11:01:32.727-07:00Rohitas ji
ब्लॉग तक आने और रचना को प्यार देने के ...Rohitas ji<br /><br />ब्लॉग तक आने और रचना को प्यार देने के लिए बहुत आभार<br /><br />युहीं स्नेह बनाये रखें और उत्साह बढ़ते रहेVenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-5754125759483514162020-03-20T11:00:14.764-07:002020-03-20T11:00:14.764-07:00Munish ji
ब्लॉग तक आने और रचना को साथ देने के लि...Munish ji <br /><br />ब्लॉग तक आने और रचना को साथ देने के लिए आभारVenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-22172412362920838912020-03-18T04:10:42.623-07:002020-03-18T04:10:42.623-07:00किसी दिन तो आएगी कोई उम्मीद
झरने से झरकर
कोई तो सू...किसी दिन तो आएगी कोई उम्मीद<br />झरने से झरकर<br />कोई तो सूरत दूंगा मैं उसे।<br />एक बार को अंकुरण ही सही।<br />गज़ब की रचना।<br />नई रचना- <a href="https://rohitasghorela.blogspot.com/2020/03/blog-post_17.html" rel="nofollow">सर्वोपरि?</a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-82759753809834946872020-03-09T12:25:46.404-07:002020-03-09T12:25:46.404-07:00बहुत ही सुन्दर रचना दिल की गहगहराइयों में खुलती है...बहुत ही सुन्दर रचना दिल की गहगहराइयों में खुलती हैं और आखों को नम कर जाती ..........Munishhttps://www.blogger.com/profile/02821933420417625370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-72357049465859740592020-03-06T19:24:36.230-08:002020-03-06T19:24:36.230-08:00वाह, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.. आस का चाँद और उसका एक...वाह, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.. आस का चाँद और उसका एक दिन अंकुरित होना... Manav Mehta 'मन'https://www.blogger.com/profile/01826811764168414349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-6635279446655153682020-03-06T11:14:05.429-08:002020-03-06T11:14:05.429-08:00कुसुम जी
इतने प्यारे शब्दों के लिए बहुत बहुत धन...कुसुम जी <br /><br /><br />इतने प्यारे शब्दों के लिए बहुत बहुत धनयवाद <br /><br /><br />बस आपकी तरह अच्छा लिख पायउँ यही कोशिश है <br /><br /><br />ब्लॉग तक आने और रचना को साथ देने के लिए आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-37409695522798273792020-03-06T11:12:28.661-08:002020-03-06T11:12:28.661-08:00Sudha ji
युहीं स्नेह बनाये रखें और उत्साह बढ़ते रह...Sudha ji<br /><br />युहीं स्नेह बनाये रखें और उत्साह बढ़ते रहे<br />रचना को प्यार देने के लिए बहुत आभारVenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-19816346683123440662020-03-06T11:11:54.410-08:002020-03-06T11:11:54.410-08:00अनु
इतने स्नेहिल सन्देश के लिए स्नेहिल आभार। ....अनु <br /><br /><br /><br />इतने स्नेहिल सन्देश के लिए स्नेहिल आभार। ... हाँ बहुत वक़्त बाद आयी। ..जीवन अपने भंवर में खूब घुमा रहा हे और मैं इक तिनके की तरह आत्मसमपर्ण कर घूम रही हूँ :)<br /><br /><br />बहुत ख़ुशी आपके शब्द पा कर <br />युहीं स्नेह बनाये रखें और उत्साह बढ़ते रहे <br />रचना को प्यार देने के लिए बहुत आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-74098813248866727492020-03-06T11:09:06.552-08:002020-03-06T11:09:06.552-08:00संजय जी
धन्यवाद ब्लॉग का रास्ता याद रखने के लिए।...संजय जी <br /><br />धन्यवाद ब्लॉग का रास्ता याद रखने के लिए। ..<br />आपके शब्द हमेशा उत्साह बढ़ाते आएं हैं <br />बहुत बहुत आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-4008788662617706152020-03-06T11:07:44.346-08:002020-03-06T11:07:44.346-08:00अनु
रचना को इस काबिल समझने के लिए तह ए दिल से आभ...अनु <br /><br />रचना को इस काबिल समझने के लिए तह ए दिल से आभार <br /><br /><br />युहीं स्नेह बनाये रखें VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-45961657743845997732020-03-06T06:41:32.456-08:002020-03-06T06:41:32.456-08:00मुद्दतें हुईं भिगो के रखा है आस का चाँद
किसी सुबह ...मुद्दतें हुईं भिगो के रखा है आस का चाँद<br />किसी सुबह अंकुरित हो ही जाएगा<br />वाह!!!<br />बहुत ही सुन्दर अद्भुत लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-21820998810052781592020-03-06T00:03:00.520-08:002020-03-06T00:03:00.520-08:00बिल्कुल अलहदा भाव!
गहराई में से विचारों को एहसास ...बिल्कुल अलहदा भाव!<br /> गहराई में से विचारों को एहसास से गूंथ कर<br /> एक आकार देना और दिल तक उतर जाना<br /> ऐसे ही होते हैं भाव आपके जोया जी ।<br />सुंदर लाजवाब।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-68907828268484748082020-03-05T05:46:19.614-08:002020-03-05T05:46:19.614-08:00नमस्ते जोया जी..
काफी दिनों के बाद आपकी कोई रचना आ... नमस्ते जोया जी..<br />काफी दिनों के बाद आपकी कोई रचना आई है... लेकिन इतने इंतजार के बाद इतनी खूबसूरत रचना पढ़ने को मिली इसकी मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है.. "किसी दिन अंकुरित हो ही जाएगा" ऐसी पंक्तियां आज तक मैंने पहले कभी नहीं सुनी थी बेहद खूबसूरत और कोमलता का एहसास लिए हुई.!👌💐👌💐<br /> आपके अंदर के कोलाहल को आपने बेहद खूबसूरती से उकेर दिया. लिखते रहा कीजिए ढेर सारी शुभकामनाएं और धन्यवादAnita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-85235461334265753022020-03-05T05:38:48.974-08:002020-03-05T05:38:48.974-08:00जब जब ब्लॉग पर आता हूँ बहुत ही प्रसन्न होता हूँ आ...जब जब ब्लॉग पर आता हूँ बहुत ही प्रसन्न होता हूँ आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-84953965829294234332020-03-05T05:26:09.391-08:002020-03-05T05:26:09.391-08:00जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोम...जी नमस्ते,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार ( 06 - 03-2020) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मिट्टी सी निरीह" (चर्चा अंक - 3632)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं। <br />*****<br />अनीता लागुरी"अनु"Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-17769256480449205032020-03-03T08:05:14.844-08:002020-03-03T08:05:14.844-08:00Meena ji
इतने स्नेहिल शब्दों के लिए बहुत बहुत आभ...Meena ji <br /><br />इतने स्नेहिल शब्दों के लिए बहुत बहुत आभार <br />बहुत ही खुसी हुई आपसे ये शब्द आ कर <br /><br /><br />जी वयसत नहीं बहुत ही ज़्यदा व्यस्त और शायद आगे भी रहूं। ... मगर मन की उथल पुथल जब जवार भाटा का रूप ले लेती हैं तो बस फिर रुका नहीं जाता <br /><br /><br />युहीं साथ बनाये रखें और अपने लेखन से खुशबु बिखेरती रहें <br /><br /><br />सादर आभार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-57759081266129642020-03-02T19:18:36.117-08:002020-03-02T19:18:36.117-08:00एक सुखद अनुभूति..आपकी नई पोस्ट ..चाँद का अंकुरण-
म...एक सुखद अनुभूति..आपकी नई पोस्ट ..चाँद का अंकुरण-<br />मुद्दतें हुईं भिगो के रखा है आस का चाँद <br />किसी सुबह अंकुरित हो ही जाएगा<br />अद्भुत और अद्वितीय.. आपकी लेखनी में ताजगी है जिसको पढ़ना सुखद लगता है मुझे । बहुत दिनों के बाद लिखा..शायद व्यस्त थीं आप । हार्दिक बधाई सुन्दर लेखन हेतु जोया जी ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-2185536690816632872020-03-02T11:21:13.776-08:002020-03-02T11:21:13.776-08:00पुरुषोत्तम जी
ब्लॉग तक आने, रचना को मन से पढ़ने औ...पुरुषोत्तम जी <br /><br />ब्लॉग तक आने, रचना को मन से पढ़ने और सराहने के लिए आभार ....आपने रचना के मर्म को समझा। .लिखना सार्थक हुआ <br /><br />आभार ...VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-11997265227451919142020-03-02T11:13:24.782-08:002020-03-02T11:13:24.782-08:00Yashoda ji
bahut bahut aabhar ....meri rchnaa ko...Yashoda ji <br /><br />bahut bahut aabhar ....meri rchnaa ko is kaabil smjhne ke liye<br /><br />aap hmesha utsaah bdhaati hain <br />dhanywaadVenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496256546169773272.post-5455543786424028612020-03-01T07:29:48.290-08:002020-03-01T07:29:48.290-08:00आपकी उम्मीद की पोटली सराहनीय है...
संभाल के रख लुं...आपकी उम्मीद की पोटली सराहनीय है...<br />संभाल के रख लुंगी उस अंकुरित आस को <br />उम्मीदों की पोटली के इक कोने में बाँध दूंगी<br />जब भी भूखो मरने लगेगी कोई उम्मीद फिर से<br />तोड़ के इक टुकड़ा उस चाँद के अंकुर का<br />निवाला बना मैं निगल जाउंगी .......<br />शायद ऐसे भूखी उम्मीदों का पेट भर पाउंगी..<br />उम्मीद जगाती सुंदर रचना।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.com