शुक्रवार, अगस्त 16, 2019

ज़िंदगी इक पहेली...

ज़िंदगी 
इक पहेली
मैं हूँ नासमझ 
सुलझेगी नहीं 
मुझसे 


ज़ोया



#ज़ोया#ज़िंदगी#पहेली#नासमझ 

8 टिप्‍पणियां:

अनीता सैनी ने कहा…


जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-08-2019) को "देशप्रेम का दीप जलेगा, एक समान विधान से" (चर्चा अंक- 3431) पर भी होगी।

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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी

मन की वीणा ने कहा…

वाहहह्

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

@ Anita saini ji

bahut bahut dhanywaad

aapki mehnat khoob dikh rhi he...charchaa manch per...bahut bahut shubhkaamnaayen aapko

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

@मन की वीणा

bahut bahut aabhaar ..mere blog tak pahunchnae aur sraahnaa dene ke liye\


dhanywaad

संजय भास्‍कर ने कहा…

खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है ज़ोया जी

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

संजय भास्‍कर ji


:) bahut dhanywaad

Meena Bhardwaj ने कहा…

सही कहा आपने... जिन्दगी की पहेली सुलझाने में उम्र गुजर जाती है । बहुत सुन्दर..।

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

Meena Bhardwaj ji

:)

sach swikaarnaa bhi apne aap me ik shaki ka ehsaas he

bahut bahut aabhar aapka