आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 18 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जोया जी क्षमा प्रार्थी हूँ आपकी इस पोस्ट का लिंक आज के सांध्य दैनिक मुखरित मौन में साझा नही कर पाऊंगी कारण यह कल की सांध्य दैनिक मुखरित मौन की प्रस्तुति में साझा हो चुका है । अप्रवूल के चलते आपके ब्लॉग के इस पेज पर कोई भी टिप्पणी नही थी इस कारण यह त्रुटि हो गई 🙏
जी नमस्ते, आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-11-2019) को "यूं ही झुकते नहीं आसमान" (चर्चा अंक- 3506) " पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं….
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 18 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 19 सितम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजोया जी क्षमा प्रार्थी हूँ आपकी इस पोस्ट का लिंक आज के सांध्य दैनिक मुखरित मौन में साझा नही कर पाऊंगी कारण यह कल की सांध्य दैनिक मुखरित मौन की प्रस्तुति में साझा हो चुका है । अप्रवूल के चलते आपके ब्लॉग के इस पेज पर कोई भी टिप्पणी नही थी इस कारण यह त्रुटि हो गई 🙏
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जवाब देंहटाएंyashoda ji
मेरी रचना को स्थान देने के लिये आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार
yuhin sath nibhaye rkhen aur utsaah bdhaate rhe
Meena ji
जवाब देंहटाएंarey..maafi kyun...aapne meri rchnaa ko is kaabil smjhaa yahii bahut he...
yuhin utsaah bdhaati rahen
dhanywaad
शानदार लिखते हो आप।
जवाब देंहटाएंएक दम अलग अंदाज में।
आज पहली बार आपके ब्लॉग तक आना हुआ। आप भी मेरे ब्लॉग तक आएं कभी
पधारें अंदाजे-बयाँ कोई और
शानदार लिखते हो आप।
जवाब देंहटाएंएक दम अलग अंदाज में।
आज पहली बार आपके ब्लॉग तक आना हुआ। आप भी मेरे ब्लॉग तक आएं कभी
पधारें अंदाजे-बयाँ कोई और
Rohitas ji
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanywaad
in dino blog tak pahunchnaa hi bdi baat he...mere blog tak aane aur lekhni ko sraahne ke liye tah e dil se shukriyaa
सुंदर चित्रण ज़ोया जी ...... निश्चल मनोभाव...
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-11-2019) को "यूं ही झुकते नहीं आसमान" (चर्चा अंक- 3506) " पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं….
-अनीता लागुरी 'अनु'
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सुंदर एहसास ,बेहद प्यारी अभिव्यक्ति ,सादर
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा सृजन है आपका ज़ोया जी,
जवाब देंहटाएंसरलता से गहरी बात कहती आपकी अभिनव रचना बहुत अच्छी लगी।
sanjay ji
जवाब देंहटाएंbahut dino baad aanaa huya
rchnaa ko srhaane ke liye aabhaar
kamini ji
जवाब देंहटाएंblog tak aane aur rchnaa ko srhaanne ke liye bahut bahut aabhaar
Kusum ji
जवाब देंहटाएंaapse srhaanaa paakar bahut achha lgtaa he\
yuhin sath bnaaye rkhen
Anita ji
जवाब देंहटाएंrchnaa ko srhaane aur sthaan dene ke liye bahut bahut aabhaar
Bahut pyari.... Hmmm... Kuchh yaad aa gaya.
जवाब देंहटाएंhmmmmm
जवाब देंहटाएं:)
हमेशा खुश रहो फूलो फलो :)