चाँद की सहेली****

गुरुवार, जुलाई 16, 2020

गुरुत्वाकर्षण

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कल रात यूँ हुआ, हाथ जा चाँद से टकरा गया, तुम्हे छूने की चाह में, हाथ झुलस के रह गया।  दूर जाते - जाते ये तुम कितनी दूर निकल गए...
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गुरुवार, जुलाई 02, 2020

'राष्ट्रवादिता'

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'राष्ट्रवादिता'  इक भावना  'राष्ट् 'के सम्मान की !  राष्ट्र के आन-बान की युगों से जीती आ रही  उस विधि विधान की !...
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मंगलवार, जून 30, 2020

बिन्ना

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"चार दिन में इतना ही बिन्न पायी बिन्ना ,गुणवंती  नहीं बनी तो देखना,  ससुराल जायेगी तो सास कानों में गर्म तेल ढूंस देगी सुना-सुन...
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सोमवार, जून 29, 2020

अर्धचंद्र !

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याद है इक दिन युहीं बैठे-बैठे मेरी दाहिनी बाज़ू के पीछे  तुमने इक अर्धचंद्र  बनाया था  सालों हुए  चाँद तो कबका अस्त हो चूका !  ...
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शुक्रवार, जून 26, 2020

सिंपल फ़िज़िक्स !

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  काली सियाह रात के अँधेरे में दूर तक जाती सड़क सड़क के किनारे-किनारे ऊँचे घने सियाह पेड़ तेज़ हवा के थपेड़ों से जोर शोर से झूमते-घुम...
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मंगलवार, जून 23, 2020

नील-लोहित रंग

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  आँखें यूहं स्थिर हो गयी थी जैसे खुद में समा लेना चाहती हों  इस  दृश्य को।   फ़िरोज़ा रंग   की शाँत ठहरी झील।  मैंने आजतक कभी ऐस...
32 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, जून 18, 2020

.................................................जीने भी दो यारो !

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जीने भी दो यारो उसको  मरके , जाके वापिस कभी नहीं आते  वहाँ वो शायद चैन से होगा  वहाँ पे इंसां नहीं हैं जाते   मरके भी देख लि...
21 टिप्‍पणियां:
शनिवार, जून 06, 2020

ये मन शरद का फूल है !

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तेरी बात - बात सोचूँ  मैं और यूँ ही दिल भरा करूँ, तेरी चाहतों की याद को, मैं उदासियों से हरा करूँ। कभी धूल है, कभी शूल है, कभी भ...
30 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, मई 21, 2020

शब्द

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शब्दों का  क्या है !  जितने मर्ज़ी खर्च कर लो मगर शब्द कहने में हलके और सुनने में भारी होते हैं कहने वाला बस कह देता हैं ...
29 टिप्‍पणियां:
बुधवार, मई 20, 2020

समय की हवा

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जाते-जाते  समय की हवा  अपने साथ  कितना कुछ ले गयी  कुछ यादें कुछ ज़ख्म  दे गयी मुझे  रिश्तों के मरहम  अपने साथ ले ग...
18 टिप्‍पणियां:
शनिवार, फ़रवरी 29, 2020

किसी सुबह अंकुरित हो ही जाएगा

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मुद्दतों से खारे पानी से  भिगो चांदनी के नरम कपड़े में लपेट दिल की लाल गर्म कटोरी में रखा है  आस का चाँद किसी सुबह अंकु...
23 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, फ़रवरी 27, 2020

खबर अब भी नहीं तुमको ?

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खड़ी मायूस हूँ कबसे खबर ये भी नहीं मुझको  जमीं ये जल गयी कैसे खबर ये भी नहीं तुमको ! मेरे घर का जो हो तिनका  सहेजे उसको फि...
15 टिप्‍पणियां:
बुधवार, नवंबर 20, 2019

बेटी के माँ बाप

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''तुम नहीं समझोगी, माँ बाप का दुःख, बहु।  अपने  बच्चे दूर बैठे हैं और हम बूढ़े  यहां अकेले। कोई पूछने वाला नहीं। तुम लोग महीने...
15 टिप्‍पणियां:
मंगलवार, नवंबर 05, 2019

अब बस ख़त्म करो ये तजस्सुम "ज़ोया "

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कतरा - कतरा ये रात पिघल जाने लगी, इक उम्मीद थी आपके आने की, जाने लगी।  काटी हैं सब रातें जगरतों में हमने,  थक से ग...
29 टिप्‍पणियां:
बुधवार, अक्टूबर 23, 2019

साहिल पे हैरान खड़ी हूँ मैं

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साहिल पे हैरान खड़ी हूँ मैं वो दो नन्हे नन्हे से हाथ  उस बेज़ान सी रेत से  सौ  बार घर बना चुके हैं  हर बार ज़ोरदार लहर आत...
21 टिप्‍पणियां:
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पल-2 बदलती हर मोड़ पर फिर भी आहंग है मुझमे, होती है मुझमे वेकराँ ख्यालो की तखमील और मिलती है तकमील मुझीमे मेरी 'मैं' को ! वही 'मैं' जो पल-२ बदलती रहती है !
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