गुरुवार, अगस्त 12, 2010

तुम्हे मेरी याद तो आई होगी ...........

















तुम्हे मेरी याद तो आई होगी ...........


जब भी शाम सूरज की पा के छुअन
शर्म से सूर्ख सिंदूरी हो जाती होगी
मेरे गालों को लाली याद तो आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...........

थकन से चूर जब कभी मेज़ पे झुक के
हाथों पे अपनी पेशानी टिकाई होगी
 मेरे काँधे की याद तो जरुर आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...........

दिन भर कागजों में उलझते उलझाते
पल भर जो पलक मूंदी होगी तुमने
सामने मेरी तस्वीर तुमने पाई होगी
मेरी याद तो आई होगी...........

कितना चिड़ते थे तुम ,याद है
मेरे बालों के यहाँ वहाँ मिलने पे
पर अचानक इक कोने में पड़े -2
तुम्हारी नज़र उन्होंने खिंची होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...........

कहते थे पगली हो, तुम तो गोरी बदली हो
बारिश में झूमती फिरती,तुम पूरी झल्ली हो
कोई काली बदली जब तुम पे बरस आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी.........

ख़्वाबों में आना जाना तो लगा ही रहता है
रात के दुसरे पहर,कभी रात के तीसरे पहर
पर जब दोपहर में ही मेरी दस्तक आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...........

मसरूफ रखते होगे काम में खुद को
उलझे रहते होगे,सवालों की पहेलियों में
किसी अटकी सी पहेली को सुलझाते- 2
मेरी जुल्फ की उलझन तो याद आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी ..........

 
सूना है वहाँ धुप कम ही निकलती है
यहाँ भी लम्बी सी शाम ही चली जाती है
जब सूरज की मीठी सी धुप पड़ी होगी
हमारे रिश्ते की तपिश तो याद आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...............

बरसों हुए हमे अपनी-अपनी राह चले हुए
वो मोड़ जहां से हम .....मैं और तुम हो गये
उस मोड़ पे मेरी याद तो आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...............

3 टिप्‍पणियां:

Rakesh ने कहा…

hmmmmm.... Umda bahut khub this poem is my one of my favorite one from your Deewan (ya you have to write)

Lakin kafi kuch edit ker diya hai Apnay original script say lady Gulzar nay :)

venus ने कहा…

thanxxxxxxxxxx Rakesh ji.......
jaante hain.meri kalam ki raftaar me aapke housnlaaafzaayi kaa bahut bdaa hath he...[:)]
bahut bahut shurkiyaaaa
take ccare

बेनामी ने कहा…

बरसों हुए हमे अपनी-अपनी राह चले हुए
वो मोड़ जहां से हम .....मैं और तुम हो गये
उस मोड़ पे मेरी याद तो आई होगी
तुम्हे मेरी याद तो आई होगी...............

koi kisi ko nhi bhoolta hai ji..koi badlata bhi nhi bas halaat badal jate hain aur badle hallat me jite huye hum badle nazar aate hain...

after all aapne bahut hi khoobsurti se apne bhavon ko abhivyakt kiya hai..yun hi likhte rahiye..
badhai swikaren..