बुधवार, दिसंबर 08, 2010

तुम्हारे आने से ....




तुम्हारे आने से शाद-मान भी हूं
मसरूर भी हूं और हैरान भी मैं
तुम्हारे आने से ....फिर वही डर
उठ रहा है .दिल ओ दिमाग में
फिर कहीं ..कोई नया ना मिले
ज़ख़्म दोस्ती के कारोबार में
जर्ज़र हो चुकी है ....तहम्मुल
बेआस मैं और मेरी शिकैब भी
फर्त-ए-शौक़ तिफ्ल  सी है मेरी
ज़िद पे आ जाती है बस यूँ ही
मांगती है मुशफ़िक ओ इरादत
मुखलिस भी,हाज़त ए शफ़कत भी!
तम्सीलें माजी ने रखीं है बहुत
हिरास ए इश्तिबाह भी है बहुत
यासीर भी हूं ......नाखेज भी हूं
पर कम्बखत  ये अहमक दिल भी
मिस्कीं ओ ख़ूगर  है निस्बतों का 
फिर चश्म-बाराह हुआ जा रहा है
मसरूर भी हूं मैं ..और हैरान भी
तुम्हारे आने से शाद-मान भी हूं !


.

शाद-मान –happy ;;; मसरूर – delighted
तहम्मुल –toleration ;;; शिकैब -patience,
फर्त-ए-शौक़ - Eagerness ;;; तिफ्ल – kid
मुशफ़िक – kind friend ;;; इरादत –faith ,respect
मुखलिस –sincere friend ;;; ख़ूगर – addicted
हाज़त ए शफ़कत – demand of affection
तम्सीलें – examples ;;; माजी -past
हिरास – fear ;;; इश्तिबाह – mistakes
यासीर – weak ;;; नाखेज –tender
अहमक – mad ;;;मिस्कीं –poor, needy
निस्बतों – relations चश्म-बाराह – waiting to welcome

7 टिप्‍पणियां:

  1. ज़ाहिर है .......दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है ......मगर पीता है .......पीना उसकी फितरत है .......और जलना उसकी किस्मत .......जिन्दगी यूँ ही चलती है........इस उम्मीद में कि कभी तो रौशनी होगी ....मेरे भी आँगन में .....
    जोयाआआआआ ! एक बार फिर .....एक बेहतरीन नज़्म ....आइ कैन फील इट्स टेंडरनेस ......एंड इन्नोसेंस .....कृपया उम्मीद बनाए रखें .......देखो....एक दिया जल तो रहा है नन्हा सा ..........आँधियों से बचा के रखना.

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  2. इस शानदार रचना पर बधाई ....जैसे मैंने पहले भी कहा है आप कुछ उचाईयों को छूती हैं यही मुझे पसंद आता है ....बहुत सुन्दर भाव भर दिए हैं आपने ....और तस्वीर के चयन में आपकी पसंद की दाद देता हूँ |

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  3. आप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
    बधाई.

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  4. hmmmmm

    Koushalendra ji,..,and Sanhjay..ji..hmeshaa sath bnaaye rkhne aur hounsla afzaayi ke liye tah e dil se shurkiya
    take care

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  5. दोस्तों द्वारा दिए जाखन बहुत पीड़ा देते हैं ....फिर भी ज़िंदगी में दोस्त बनते हैं ....बहुत अच्छी पेशकश

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  6. असरदार नज़्म ,

    'मेघा गरजे ,जियरा लरजे ,
    बिजुरी कड़के, मोरा दिल धड़के,
    फिर भी नज़र हटा न पाऊँ ,
    मन की आस बूँद को तरसे ..........'

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