अक्सर बुरी तरह से उलझी रहती हूं अपने काम में,तो सोचा उसी पे कुछ लिखूं (वैसे उम्दा शायरों से गुजारिश है इसे सिर्फ इक केमिकल लोचा समझ के ही पड़े
कोई नियम ना देखे .क्यूँकी कोई नियम है ही नही बस इक हल्का-फुल्का सा लेखन मेरी भरी भरकम पी.एच.डी के नाम ...
कोई नियम ना देखे .क्यूँकी कोई नियम है ही नही बस इक हल्का-फुल्का सा लेखन मेरी भरी भरकम पी.एच.डी के नाम ...
ना जाने कितने दिनों से युहीं उलझी पड़ी हूं
बार बार इक ही इकुएशन पे ही अड़ी हुई हूं
न pH Set बैठ रहा है कहीं पर न सोडियम
पिछले हफ्ते से लैपटॉप पे सर रख सो रही हूं
खवाबों में अब फ्लोराइड नाईटरेट से लड़ता है
आँख खोलूं तो एकुयाकेम का भूत डराता है
अपना ही घर लगने लगा है अजनबी- 2 सा
सारा घर केमिकल लोचे से घबराता है
महसूस होता है हर तरफ लैब सा माहोल
Husband भी लैब attendant सा दिखता है
'वो" रहते हैं दुसरे कमरे में जा कर अब तो
मेरे साथ अक्सर कागजों का लंगार जो होता है
मेरे साथ अक्सर कागजों का लंगार जो होता है
हे प्रभु,बस जल्दी से ऐसा कुछ उपचार करो
SAR ,SSP, RSC की सेटिंग का कर समाधान[
सुलझा मेरी उलझन, इस अबला पे उपकार करो !
.....................
[*D.A.R= Detailed Analysis Report]
[SAR,SSP,RSC---Chemical Locha ]
21 टिप्पणियां:
बहुत रोचक...इस कैमिकल लोचा का तो कुछ लैब analysis करवाना ही चाहिए..
बहुत ही सुंदर...........लगता हो कोई केमिकल रिएकसन हो गया है,........
Ha Ha Ha Salute to You Mam
Even I am a student of Science and can well understand this Chemical Locha Of Yours.You are just wonderful and your innovation n creativity is well visible.Great creation.Hope to read a lot of such Great stuff.Keep goin on.This one is just GREAT.
सवा किलो देशी घी के लड्डू गणेश जी को चढाओ, फ़िर हनुमान जी के नाम से सोहला सोम वार वर्त रखो, फ़िर भगवान अगर खुश हुये तो सपने मे दर्शन दे कर इस लोचे का हल बतायेगे, तब तक राम राम जपे :) बहुत सुंदर आप का यह किस्सा लगा. धन्यवाद
;)
samajh sakti hun is loche ko , apne bachchon ko yun hi sote dekhti hun
अम्लीय कविता......लवणीय टिप्पणी.
जोया जी,
बच के रहना रे बाबा.......ये कैमिकल लोचे बड़े खतरनाक हैंगे जी.....
परसों ही सोचा था कि तुमसे कहूंगा ....पीएच.डी. में अभी जिस मुकाम तक पहुँची हो और ज़ो घर की ज़ो अस्त-व्यस्त हालत है ..कुछ उस पर लिख डालो तो मन थोड़ा हल्का होगा.....और देखो ....आज तुम्हारे केमिकल लोचे से रू-ब-रू हो रहा हूँ......बस अब गाड़ी लगभग पार ही समझो....थोड़ी और मेहनत कर लो...वैसे यह भी तय है कि थीसिस सबमिट हो जाने के बाद तुम्हें बहुत बोरियत होगी ...तब यही लैपटॉप पर सिर रखकर सोना बहुत याद आयेगा. तुम्हें ढेर-ढेर आशीर्वाद.
कोई बात नहीं आल इज वेल ।
कोई बात नहीं आल इज वेल ।
so sweet...aapke chemical locha bada hi interesting hai ...
:) :) बहुत बढ़िया ....जल्दी से थीसिस जमा करो तो यह भूत भी उतर जायेगा
D.A.R* के सर से हटे केमिकल लोचे का भूत ......बहुत रोचक
क्या बात है,ज़ोया जी.
चारो तरफ कैमिकल ही कैमिकल है.
चलिए यूँ कहते हैं की कविता कैमिकल से लबरेज़ है और इसलिए इसमें एक नयापन दिखा.
हा हा हा............
अरे हद है इस लोचे की…………जल्दी से पूरा करो और आराम से सो जाओ…………इसे एक वार्निंग दे दो कि जल्दी पूरा हो जाये वर्ना……………बस फिर हो जायेगा।
लोचा तो है पर है शानदार ... सो बधाइयाँ और शुभकामनाएं ... इस रचना के लिए भी और आपकी Phd. के लिए भी !
वीनस जी लोचे तो होते रहते हैं ,बस आपस की केमेस्ट्री ठीक होनी चाहिए !
रचना के लिए बधाई !
वीनस जी लोचे तो होते रहते हैं ,बस आपस की केमेस्ट्री ठीक होनी चाहिए !
रचना के लिए बधाई !
आपने तो बहुत अच्छा लिखा है..... ऐसी विज्ञान की शब्दावली लेकर रचना उकेरना आसन नहीं है..... खूब....
जोया तुम भी......................वाह
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