आँखों के इन दो पहियों से
अब तक का सफ़र दोहरा लेती हूँ
क्या खोया और क्या पाया मैंने
कच्चा सा हिसाब लगा लेती हूँ !
ज़ेहन की गीली तख्ती पे
कुछ गीला गीला सा लिखा था
जो कुछ भी लिखा था उसपे
काज़ली खारे पानी से फैला-२ था !
छूऊँ तो हाथ ना आये
पढ़ने बैठूं तो पढ़ा ना जाए
धुंधला धुंधला मटमैला सा
बस पलकों में छुपा बैठा था !
अब के धो लिया है मैंने
लिखा पिछला सबक वो सारा
रिश्तों की मीठी मीठी धुप में
अब धुली तख्ती सुखा लेती हूँ !
नई गाचनी नसीब की
तख्ती पे मल ली है मैंने
लाल सुनहरी सियाही से
अब नया सबक लिख लेती हूं !
उजली सजी-सवरी सी तख्ती
महकती है मेहँदी की खुशबू से
गुलानारी रिश्तों की कलम से
नित-रोज़ जीवन आगे लिख लेती हूँ. !
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21 टिप्पणियां:
जेहन की गीली तख्ती पे
कुछ गीला गीला सा लिखा था
जो कुछ भी लिखा था उसपे
काजली खारे पानी से फैला-२ था !
waah
Bhut sundar rachna....badhai aapko.
आँखों के इन दो पहियों से,जेहन की गीली तख्ती,नई गाचनी,लाल सुनहरी सियाही,गुलानारी रिश्तों की कलम -----------बहुत सुन्दर बिम्ब प्रयोग के माध्यम से रचना को संवारा है……………भाव भी बहुत सुन्दर संजोये हैं……………बेहद उम्दा रचना।
उजली सजी-सवरी सी तख्ती
महकती है मेहँदी की खुशबू से
गुलानारी रिश्तों की कलम से
नित-रोज़ जीवन आगे लिख लेती हूँ. !
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गहन भावों से पूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति..
कविता की भाषा सीधे-सीधे जीवन से उठाए गए शब्दों और व्यंजक मुहावरे से निर्मित हैं।
आगे बढ़ने के लिए नया सबक ज़रूरी है न ! अच्छा किया ज़ो रिश्तों की धूप में नये सबक को सुखा कर प्रिजर्व कर लिया ....
अच्छी और भावभरी रचना। इस रचना की तारीफ में ज्यादा नहीं बस इतना ही,
''यूं तसव्वुर पे बरसती हैं पुरानी यादें,
जैसे बरसात में रिमझिम का समां होता है।''
उजली सजी-सवरी सी तख्ती
महकती है मेहँदी की खुशबू से
गुलानारी रिश्तों की कलम से
नित-रोज़ जीवन आगे लिख लेती हूँ. !
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बहुत ही सशक्त रचना पेश की है आपने!
नई चमकती हुई तख्ती,नया सबक और नई प्यारी-सी कविता भी.
wonderful.
नया सबक मुबारक हो.
बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति.
चर्चा मंच से आप तक पहुंचा हूँ.
आप की कलम को सलाम
भाव प्रवण प्रस्तुति प्रस्तुत करने हेतु बधाई| लिखावट में कहीं कहीं टाइपिंग मिस्टेक हो गयी लगती हैं| सुधारने की कृपा करें|
बहुत ही शानदार और मर्मस्पर्शी लिखा है आपने.
bahut achchi laga aapki kavita.
आप सबके स्नेह और हौंसला अफजाई के लिए तह ए दिल से शुर्किया
Take care
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7/2/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
दिल को छूने वाली खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
ज़िंदगी के सबक ज़िंदगी की तरह ही अज़ीब हैं ! बहुत अच्छी रचना ! धन्यवाद
pyari panktiyaan
जोया जी,
सुभानाल्लाह.......अल्फाजों को इतनी खूबसूरती से इस्तेमाल किया है आपने......वाह.....वाह.....बहुत खूब|
उत्तम प्रस्तुति. बधाईयों सहित...
सशक्त प्रस्तुति...
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