शनिवार, मार्च 05, 2011

"बाबा" का जन्मदिन



 कभी गोद में उठा के उसने
मुझे बाहों का झुला नही झुलाया
न रातों को जाग के कभी
मुझे कोई लोरी ही सुनाई
ना किये जाग -२ के मेरे लिए
लम्बे लम्बे जगराते
ना कभी ऊँगली पकड़ के मेरी
मुझे कोई सड़क पार करवाई

पर
इक दिन अचानक
जाने कहाँ से उदित हो गये
और फ़ैल गये
सर पर आश्रीवाद की तरह
मुख पर मुस्कान की तरह

और    
बहने लगी  बस्तर से पंजाब तक 
मधुर ,स्नेही ,संरक्षक  पितृत्व पवन  
और अन्वेषिका को आ मिले  
अंतरजाल की अंखियों से 
शब्दों और विचारों की धागों से 

"बाबा" !  

भागते दौड़ते इस समय में जब
 स्वयम की मुस्कान का पता नही
"बाबा" मुझे मुस्कान भेजते हैं 
मेरे अच्छे बुरे की "बाबा"
मुझसे ज्यादा  मंत्रणा करते हैं !
मीलों दूर होके भी मुझसे
मुझमे साहस और विश्वास भरते हैं

"बाबा"
असमर्थ हूँ और  अयोग्य भी 
 आपको देने को कोई उपहार
किन्तु स्नेहिल प्रेम से भेज रही हूँ
रचना के पुष्पपात्र में 
स्नेही शब्दों का प्रतिनन्दन !
बहुत-२ मुबारक हो "बाबा"
"आपको आपका जन्मदिन "!
(6th March)


जोया**** 
 

   



13 टिप्‍पणियां:

mridula pradhan ने कहा…

bahut bhawook karnewali kavita.

Lams ने कहा…

Meri dost Venus Ji, kavita dil ko chhoo gayi. bahut pyaar se aur dil se likha hai aapne. Baba ko meri or se bhi janamdin ki shubhkaamnayein.

Gaurav

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

रचना के माध्यम से आपने बाबा को बहुत सुन्दर उपहार दिया है!

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बाबा के जन्मदिन पर खूबसूरत तोहफा ...मेरी शुभकामनयें

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…

ਵੇਣੁ ! ਤੁਮਨੇ ਨਿਹਸ਼ਬ੍ਦ ਕਰ ਦਿਯਾ ਹੈ ਮੁਝੇ ......ਪਗਲੀ ! ਹ੍ਰਿਦੇ ਕੀ ਅਨੰਤ ਗਹਰਾਇਯੋੰ ਸੇ ਨਿਕਲ ਕਰ ਨਿਸ਼੍ਛਾਲ ਪ੍ਰੇਮ ਔਰ ਸ਼੍ਰਿਦ੍ਧਾ ਕਾ ਜੋ ਅਨੁਪਮ ਉਪਹਾਰ ਦਿਯਾ ਹੈ ਤੁਮਨੇ ਵਾਹ ਧਰੋਹਰ ਹੈ ਮੇਰੇ ਲੀਏ ........ਯਹ ਮੇਰੇ ਲੀਏ ਅਬ ਤਕ ਕਾ ਸਬਸੇ ਮੂਲ੍ਯਵਾਨ ਉਪਹਾਰ ਹੈ ....ਇਸੇ ਬਹੁਤ ਸੁਰਕ੍ਸ਼ਿਤ ਰਖਣਾ ਪੜੇਗਾ....ਤੁਮ੍ਹੇੰ ਮੇਰਾ ਸਾਰਾ ਆਸ਼ੀਰਵਾਦ.

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…

गौरव शर्मा जी ! बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

जोया जी,

खुबसूरत अहसास हैं आपके......'बाबा' का परिचय भी मिलता तो शायद और बेहतर लगता.....

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत भावपूर्ण मर्मस्पर्शी रचना..

Kunwar Kusumesh ने कहा…

महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

Dinesh Joshi ने कहा…

bahut pyaar se aur dil se likha hai aapne. Baba ko meri or se bhi janamdin ki shubhkaamnayein.

Dinesh Joshi ने कहा…

bahut pyaar se aur dil se likha hai aapne. Baba ko meri or se bhi janamdin ki shubhkaamnayein.