पलाश के फूल ....ये मेरे पसंदीदा फूल हैं...और रचना भी ...इस से पहले आपने . ..पलाश के फूल - 1 ,2 & 3 पड़ी थी ..और आपने सब ने उसे बहुत प्यार दिया...उसके लिए शुर्किया....पलाश के फूल ..की चार कड़ियाँ हैं..अब तक ... ..और उनमे से अब 4th आप सब के सामने रख रही हूं..आशा है....पलाश के फूल अपनी लालिमा बिखरा पायेंगे
पलाश के फूल -" नया मौसम"
याद है पिछली बार जब गुज़रे थे उन राहों से
पलाश के कटे पेड़ों को देख ,
बरबस एक नज़म बन आई थी !
क्या कुछ नहीं था उस नज़्म में ,
एक जन्म ,एक कहानी ,
बहुत सी यादें, कुछ पिछड़े साल,
और एक फैसला के - -
पलाश के फूलों का अब मौसम नही रहा...
मगर आज जब फिर से गुजरी उन राहों से
थाम के हाथों में नये जीवन का हाथ
तो देखा
उन कटे हुए पलाश के पेड़ों की जगह
सरकार ने जो नई पक्की सड़क बनाई है
उसकी कुछ दूरी पर नई उमंग डोल रही है !
नन्हे नन्हे कोमल कोंपलें पलाश के पौधों की
मस्त बेधड़क हवा के थपेडों में झूम रही हैं !
मज़बूत मिटटी ने वो सोहल से पौधे
कस्स के हाथ से पकड़ लिए हैं !
पिछले मौसमो के कटे पलाश के पेड़
बीती यादों की तरह जाविदाँ रहेंगे
और जिंदगी
नये पलाश के पौधों से सांस लेगी
वहीँ रंगत वही ताजगी वही लालिमा
मगर
इक नया जीवन , नई राह ,नया सफ़र !
पलाश के फूलों का तब मौसम नही था माना
मगर ये उम्मीद थी के कभी मौसम आएगा ज़रूर .....
बुजुर्गों से सुनते आये हैं अक्सर ये के
उम्मीद और जीवन का मौसम कभी नही जाता !
पलाश के नये फूलों का नया मौसम आने वाला है ................. !
जोया****
जाविदाँ - अमर ,eternal, everlasting
8 टिप्पणियां:
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ||
बधाई ||
बहुत सुंदर भाव....
आशा और विश्वास से परिपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति..
मौसम अपने वक्त पर ज़रूर आएगा ..बहुत खूबसूरत नज़्म
आदरणीय ज़ोया जी
नमस्कार !
बहुत ही सुंदर .....प्रभावित करती बेहतरीन पंक्तियाँ ....
बेहद खूबसूरत आपकी लेखनी का बेसब्री से इंतज़ार रहता है, शब्दों से मन झंझावत से भर जाता है यही तो है कलम का जादू बधाई
पलाश के फूल से आपका लगाव खूबसूरत लगता है!!
बुजुर्गों से सुनते आये हैं अक्सर ये के
उम्मीद और जीवन का मौसम कभी नही जाता !
वाह.......पलाश के फूलों की सुगंध अभी तक नासापुटों में महसूस होती है|
बहुत सुन्दर...
पलाश के फूलों पर तो हमारा भी दिल अटका रहता है...
प्यारी रचना...
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