हिमाचल प्रदेश के इक छोटे से गाँव में पली बढ़ी ,चंडीगढ़ शहर में पढ़ी लिखी ,पंजाब के अमृतसर में ब्याही गयी और अब अपने छोटे से परिवार के साथ नागपुर में रह रही हूँ ! वैसे अक्सर लड़कियों को ही अपना घर बार नौकरी परिवेश दोस्त सब छोड़ के वहां आना पड़ जाता है जहाँ पति परमेश्वर हों और ये कुछ हद तक सही भी है ! किसी भी लड़की के लिए परिवार के सुख से बड़ा और कोई सुख नहीं ! पति कैरिअर की ऊँचाई के लिए चंडीगढ़ से नागपुर आ गये ...इक साल बाद पीछे पीछे मैं भी आ गयी अपने कान्हा को ले के ! अभी नागपुर आये मुझे एक साल भी नहीं हुआ ! अच्छा शहर है , हाँ चंडीगढ़ जैसा तो कोई शहर हो ही नहीं सकता क्यूंकि चंडीगढ़ की तो बात ही कुछ और है मगर फिर भी ठीक है ! भारत के इक आम शहर के जैसा ! पर इक बात जो यहाँ मुझे बहुत अलग लगी वो हे लोगों का नजरिया ! यहाँ किसी से मिलने के एक मिं० के अंदर पूछा जाता है "आपका सरनेम क्या है?
आगे पढ़ें: रचनाकार: वेणू संदल (वीनस "ज़ोया") का व्यंग्य आलेख - आपका सरनेम क्या है..., क्या आप यूपी से हैं? http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_3838.html#ixzz2ZZxZACPP
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (21 -07-2013) के चर्चा मंच -1313 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंजाते हैं वहां पढने!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए शुक्रिया!
हजारों साल की गुलामी के दौरान आए पतम का असर समाज से इतनी जल्दी नहीं जाता ... फिर जाने प्रयास भी नहीं हो रहा सामाजिक और राजनेतिक स्तर पर ... शायद और १००० साल न लग जाएं ...
जवाब देंहटाएं:):) अब यहाँ तो ये भी पूछ लेंगे कि जी आप कौन से ब्राह्मण हो ? वैसे क्या आप यू पी से हैं ?? :):)
जवाब देंहटाएंगुलज़ार की तो बात ही निराली है :)
जवाब देंहटाएंवो इसलिए कि पता चल पाए आप मराठी मानुस हो या नहीं.......सहमत हूँ आपकी बातों से.........साधो कि जात न पूछो :-))
जवाब देंहटाएंअरुण जी मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए तह ए दिल से शुक्रिया … आपकी चर्चाओं की कड़ियों ने तो समा बाँध दिया …बधाई
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी ,इमरान अंसारी जी ।आप का बहुत बहुत शुर्किया
जवाब देंहटाएंसंगीता दी …आप्के वयन्गात्मक कमेन्ट ने दिल खुश कर दिया …… आभार
जवाब देंहटाएंदिगम्बर नासवा जी , abhi जी…. आप यहाँ तक आये ।और मेरे लिखे को पढा …. आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंpremkephool.blogspot.com and Darshan jangra.......bahut bahut dhnaywaad
जवाब देंहटाएंpremkephool.blogspot.com and Darshan jangra.......bahut bahut dhnaywaad
जवाब देंहटाएंpremkephool.blogspot.com and Darshan jangra.......bahut bahut dhnaywaad
जवाब देंहटाएंPallavi saxena ji..sat vachan...kyaa kehne gulzar ji ke
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (04-08-2013) के चर्चा मंच 1327 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
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