रविवार, अक्तूबर 23, 2011

तेरी रंजूर आवाज़ का असर 'जगजीत'


क्या मालुम वो आशिकी का खुमार था  
के तेरी रंजूर आवाज़ का असर 'जगजीत'
कुछ  वक़्त हमने भी फ़सुर्दगी में बिताया लैला-मजनू  की तरह !


यूँ तो कभी कम नही हुई  बेचैनी मोहोब्बत की 
मगर तेरी आवाज़ से भरी गजलों ने अक्सर 
कई बार डूबता-बिखरता दिल सम्भाला है अंसारों-यारों की तरह !

अब तू तो नही पर तेरी आवाज़ रह गयी है 
सिमट के चंद गोल गोल पहियों में 
जाने कितने नये आशिक सफ़र करेंगे अब, हम पुरानों की तरह !



6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

सुभानाल्लाह.........अपने अंदाज़ में उस मखमली आवाज़ के मालिक को श्रद्धांजलि दी है........ मेरे भी पसंदीदा गायकों में से एक.........खुदा उन्हें जन्नत अता करे.....आमीन|

आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|

M VERMA ने कहा…

यह जादुई आवाज फिर भी चुप नहीं रहेगी

Vaanbhatt ने कहा…

जो दिलों में बसते हैं...वो कभी जुदा नहीं होते...पूरी दुनिया को अपनी आवाज़ से दीवाना बनाने वाले...जगजीत की गज़लें युगों तक दोहराई जातीं रहेंगी...

SAJAN.AAWARA ने कहा…

यूँ तो कभी कम नही हुई बेचैनी मोहोब्बत की
मगर तेरी आवाज़ से भरी गजलों ने अक्सर
कई बार डूबता-बिखरता दिल सम्भाला है अंसारों-यारों की तरह ...
ye jadoo kabhi khtam nahi hoga..
unki aawaj har dil par raaj karti hai..
jai hind jai bharat

abhi ने कहा…

जगजीत जी की आवाज़ अमर है!

पिरुल...( संदीप रावत ) ने कहा…

laazwaab.....