मंगलवार, अप्रैल 30, 2013

मुई अमावस ने टोका था !

उम्र गुज़र गयी इस चाँद पे

कलम टिका के लिखते लिखते

हुआ कलाम जो पूरा तो जाना

कुछ पन्ने थे उज्ज्ले उज्ज्ले
  
और कुछ पन्ने गहरे काले थे

मैंने तो नज़र टिका के बस हमेशा

चाँद देख देख ही लिखा था

पर भूल गयी थी ये मैं लेकिन

हर 15 दिन में मेरी कलम को

इस मुई अमावस ने टोका था !
जोया  

6 टिप्‍पणियां:

poonam ने कहा…

wah,....yah mui amwas bhi na....

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

@poonam ji.......aapkaa bahut bahut shurkiya

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूबसूरती के साथ शब्दों को पिरोया है इन पंक्तिया में आपने

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

wah.. behtareen shabd sanyojan ... :)
shubhkamnayen..

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

संजय भास्‍कर ji

shurkiya

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

Mukesh Kumar Sinha ji....blog tak aane aur rchnaa ko sraahne ke liye shurkiyaa